उर्मिला देवी पासवान: लोककलाओं की परिधि के पार एक कलाकार

गोदना कला में मोटिव्स के साथ प्रयोग की प्रवृति उर्मिला देवी में चानो देवी से आती है और वह प्रवृति इतनी तेज है कि लोककलाओं की परिधि को अक्सर तोड़ती नजर आती है।

उत्तम प्रसाद पासवान की कला यात्रा और एक अनोखा ‘ब्रह्माण्ड’

गोदना कला जिन कलाकारों की वजह से चर्चा में आई, उनमें एक हैं उत्तम। उन्होंने चानो देवी से गोदना कला सीखी और ऐसा सम्मोहक ‘ब्रह्माण्ड’ रच डाला जिससे निकलना आसान नहीं है।

समाज ने ‘अवरोध’ खड़े किये, हमने उन्हें अवसर में बदल दिया: शांति देवी

अवरोध अवसर भी हो सकते हैं, मिथिला कला में शांति देवी की कला यात्रा इस बात को साबित करती है। जब-जब अवरोध सामने आए, शांति देवी उन्हें अवसर में बदलती गयीं।

चानो देवी (1955-2009): गोदना चित्रकला की सूत्रधार

मिथिला की चित्र परंपराओं में गोदना चित्रकला एक अस्वाभाविक घटना थी। चानो ने अपनी सूझ-बूझ से उसे न केवल ‘स्वाभाविक’ बनाया, बल्कि एक नयी कलाधारा की शुरुआत भी की।

मिथिला चित्रकार बिमला दत्त: एक परिचय

परंपरागत मिथिला चित्रकला की पुरोधा कलाकारों में बिमला दत्त का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। वह मुख्यत: लाइन शैली में चित्रण करती हैं और चित्रों में परंपरागत विषयों को महत्व देती हैं।