हर खूबसूरत तस्वीर कला नहीं : दयानिता सिंह

किसी तस्वीर को इस वजह से कला नहीं कहा जा सकता क्योंकि वह खूबसूरत है, ठीक वैसे ही जैसे हर खूबसूरत पंक्तियों का क्रम कविता नहीं बन जाती है।

भोजपुरी अंचल (पूर्वांचल) में कोहबर चित्र

भोजपुरी अंचल के सामाजिक जीवन के संस्कार, उसमें निहित आंतरिक जीवन दर्शन तथा आदर्श मूल्यों का प्रभाव प्रत्यक्ष रूप से वहां की कलाओं पर विद्यमान हैं।