लोकगाथा दीना-भद्री का कथानक: भाग-2

दीना-भद्री लोकगाथा मुसहर समाज के जीवन की गुत्थम-गुत्थी, जय-पराजय एवं उससे संचित अनुभवों की आवाजाही के बीच पनपते सपनों एवं आकांक्षाओं की कलात्मक अभिव्यक्ति है।