मंजूषा कला का वर्तमान एवं भविष्य: एक आत्मपरीक्षण

लोक-कलाओं का वर्तमान इसकी गवाही देता है कि जब तक उन्होंने क्षेत्रीयता के दायरे से बाहर झांकने की कोशिश नहीं की है, उनका दृष्टिकोण व्यापक नहीं हुआ, उन्हें पहचान नहीं मिली है।