मंजूषा कला की खोज 1941 में आई.सी.एस. अधिकारी डब्ल्यू. जी. आर्चर ने की थी। उन्होंने अंग के माली परिवारों द्वारा बनाये मंजूषा चित्रों को लंदन के इंडिया हाउस में प्रस्तुत किया था।
बिहार के प्रत्येक सांस्कृतिक क्षेत्र में टिकुली (बिन्दी) लगाने का महिलाओं में प्रचलन है। टिकुली प्राय: सधवा महिलाएं ही अधिक प्रयोग करती हैं। सोलह श्रृंगार में बिन्दी लगाना सर्वोपरि है।