कालीघाट पेंटिंग: बंगाल की लोककला परंपरा

भारत में परंपरागत रूप से कला राज्याश्रय या मठों-मंदिरों के संरक्षण में सदियों से फली-फूली। लेकिन वह बाजार में आयी कालीघाट से। इसे कला बाजार की शुरुआत माना जाता है।

लोकगाथा: बोहुरा गोढ़नी उर्फ नेटुआ दयाल सिंह

बोहुरा गोढ़नी शर्त रखती है कि वह बेटी अमरौती की शादी विश्वंभर के बेटे नेटुआ दयाल सिंह से तभी करेगी जब भीमल सिंह कमला नदी की धार को बखरी बाजार तक आने देंगे।