प्रलेखन: बनारस की वस्त्रकला

“बनारसी वस्त्र कला सामंजस्य का भव्यतम प्रतीक है। बिनकारी कला के सम्पूर्ण सुरताल और लय इसकी बुनावट में इस तरह गूंथ दिये जाते हैं जिन्हें आखें स्पष्टतः सुनती हैं।”