“समय के साथ बदलेगी मंजूषा कला, लेकिन शैलीगत छेड़छाड़ से बचें” “जो गतिशीलता का विरोधी है, परिवर्त्तन का विरोधी है, वह मृत्यु का पक्षधर है, जड़ता का समर्थक है। परिवर्त्तन चाहे जितना हो, उसे देखते ही लगना चाहिए कि यह मंजूषा शैली ही है।” Read More »