पूर्णिया नेपाल तथा बंगाल से सटा एक सीमावर्ती जिला है। यह इस जिले के पुराने नाम ‘पुरैनिया’ का अपभ्रंश रूप है। अब यदि हम इसके गांवों की तरफ नज़र डाले तो यहां के गांवों का ढांचा क्रमश: परिवर्तित होता रहा है। पहले अक्सर सभी जातियों के लोग एक साथ एक ही गांव में रहते थे। धीरे-धीरे जनसंख्या वृद्धि तथा आर्थिक सम्पन्नता के साथ-साथ जाति के आधार पर गांव अलग होते गए। फलतः अब एक गांव में एक ही जाति के लोगों की संख्या ज्यादा होती है। अन्य जाति के लोग उनके अधीन आश्रय लेने या जीवन निर्वाह के लिए आस-पास बस जाते हैं या फिर अपनी सुविधा के लिए बसा लिए जाते हैं। इस तरह से एक मुख्य गांव के आस-पास कई छोटे-छोटे गांव बसे हुए हैं। इन गांवों का बुनियादी ढांचा आर्थिक तथा जाति के आधार पर टिका है न कि सांस्कृतिक आधार पर।
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Mud Murals of Purnea, Bihar
Mud murals of Purnea, Bihar
Documentation: Sanjay Singh, Senior artist , Purnea, Bihar
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