मिथिला चित्रकला के ख्यातिलब्ध कलाकारों में स्वर्गीय यशोदा देवी नाम सम्मान से लिया जाता है जिन्होंने अपनी एक अगल पहचान है। उनका जन्म 2 फरवरी 1944 को मधुबनी के जितवारपुर गांव में रामकृष्ण लाल दास के परिवार में हुआ। उन्होंने स्थानीय मिडिल स्कूल से पढ़ाई की और मिथिला कला की बारीकियां अपनी चाची और सिद्धहस्त कलाकार जगदम्बा देवी से सीखीं।
यशोदा देवी का विवाह ग्राम ढंगा, पूरबारी टोला, वाया कलुआही के पीतांबर लाल दास के परिवार में हुआ। विवाह पश्चात् भी मिथिला चित्रकला के प्रति उनकी आसक्ति को देखते हुए जगदम्बा देवी उन्हें कागज, रंग और तूलिका भेजती रहीं। धीरे-धीरे यशोदा देवी ने मिथिला चित्रकला में अपनी एक पहचान बना ली।
यशोदा देवी के चित्रों के विषय परंपरात ही रहे। उन्होंने दशावतार, भगवती के विभिन्न रूप, कृष्ण रासलीला, विष्णु एवं लक्ष्मी, महाभारत और रामायण आदि प्रसंगों पर चित्र बनाये। वे उन कुछेक कलाकारों में भी शामिल रहीं जिन्होंने मिथिला चित्रकला में रासायनिक रंगों का पहले-पहल प्रयोग किया। चित्र बनाने के लिए उन्होंने हर संभावित माध्यम का उपयोग किया।
बिहार सरकार ने यशोदा देवी को 1982-83 में राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया। 1987 में उन्हें विद्यापति सम्मान से नावाजा गया और उसी वर्ष उन्हें चित्रगुप्त सम्मान भी प्राप्त हुआ। गुरु शिष्य परंपरा के अंतर्गत गांधी मानव संग्रहालय, भोपाल और दिल्ली पब्लिक स्कूल, पटना सहित अनेक संस्थानों द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया।
यशोदा देवी बिहार राज्य ललित कला अकादमी की सम्मानित सदस्य रहीं और भारत सरकार के पूर्वी सांस्कृतिक केंद्र, इलाहाबाद की भी सदस्य मनोनीत हुईं। उन्होंने देश के अनेक शहरों में मिथिला चित्रकला का प्रशिक्षण दिया। वह भारत सरकार द्वारा एडवांस ट्रेनिंग के तहत तीन वर्षों तक प्रशिक्षिका रहीं। उन्होंने बिहार राज्य ललित कला अकादमी, पटना और कला संस्कृति एवं युवा विभाग, पटना के संयुक्त तत्वावधान में 1999 में आयोजित पांच दिवसीय कोहबर लोक कला शिविर का संयोजन भी किया।
इंडियन ऑयल कंपनी लिमिटेड ने 1990 में उनके ऊपर एक कैलेंडर का प्रकाशित किया था। 3 नवंबर 2007 को कैंसर से उनकी मृत्यु हो गयी। कहा जाता है कि मिथिला कला के प्रति उनका समर्पण इस कदर था कि अंतिम दिनों में उन्होंने चित्र बनाने के लिए माध्यमों का विस्तार कर लिया। वह हर उस वस्तु पर चित्र बनाती और रेखांकन करतीं जो उनके सम्मुख उपस्थित था।
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