लोकगाथा: रेशमा – चूहड़मल (कथानक)

रेशमा चूहड़मल की लोकगाथा सामंती व्यवस्थाओं के खिलाफ प्रतिरोध की गाथा है जिसमें सामाजिक वर्जनाओं के खिलाफ विद्रोह की प्रवृत्ति अत्यंत मुखरता से मिलती है।