फिरंगी लाल गुप्ता: बिहार के एक अनोखे संगतराश

“हाथी ऐश्वर्य लाता है। मैं साक्षी हूं। वह मार्बल का ही क्यों न हो। अन्यथा किसने सोचा था कि जिसके पास खिलौने खरीदने भर के पैसे नहीं थे, वह देश-विदेश को अपनी कला दिखाएगा।”