‘लोक’ और ‘दलित’: व्युत्पत्ति, अर्थ एवं विविध प्रयोग

लोक’ और ‘दलित’ न केवल अलग-अलग शब्द हैं बल्कि उनके प्रयोगों के संदर्भ भी अलग-अलग हैं। ‘लोक’ अत्यंत ही प्राचीन शब्द है जबकि दलित शब्द अपेक्षाकृत उससे नया।

लोककला और साहित्य के आइने में राजा सलहेस

लोकगाथा सलहेस में मौजूद दलितों की मुखर अभिव्यक्ति तिरोहित दिखती है, अब ‘समाज’ को जागृत करने का उत्स नहीं दिखता और चित्रों में उनका निरूपण महज आलंकारिक है।

लोकगाथा राजा सलहेस: मिथिलांचल क्षेत्र

राजा सलहेस, बिहार की लोकगाथाओं में सबसे लोकप्रिय है। उनकी स्वीकार्यता सर्वजातीय समाज में है। इस लोकगाथा में अनेक अंतर्जातीय विवाह हैं। विवाहों के दौरान तमाम संघर्ष, जादू-टोना और दाव-पेंच दर्शकों को खासा रोमांचित करता है।