चानो देवी (1955-2009): गोदना चित्रकला की सूत्रधार

मिथिला की चित्र परंपराओं में गोदना चित्रकला एक अस्वाभाविक घटना थी। चानो ने अपनी सूझ-बूझ से उसे न केवल ‘स्वाभाविक’ बनाया, बल्कि एक नयी कलाधारा की शुरुआत भी की।

प्रतीकों की लड़ाई का परिणाम हैं गोदना चित्र: शिवन पासवान

आज गोदना कला में अनेक युवा कलाकार बढ़िया चित्र बना रहे हैं, लेकिन उसमें कोमलता का भाव गायब है। वे कमाई करने वाली मशीन बनते जा रहे हैं।