पद्मश्री प्रोफेसर श्याम शर्मा : एक संस्मरण, लखनऊ-1966

श्याम प्रिंट-मेकिंग में पोस्ट डिप्लोमा करना चाहते थे। मुझे लगा, कमर्शियल आर्ट का डिप्लोमा करनेवाला प्रिंट-मेकिंग में काम कर पायेगा ?

कला संवादों से निखरती है हमारी कला: पद्मश्री प्रो. श्याम शर्मा

बिहार की कला में समकालीनता के तत्व सबसे पहले बीसवीं शताब्दी के पूर्वार्ध में दिखते हैं। इसी समय पटना कलम में नये विषय शामिल हुए, चित्रण हेतु नये माध्यम अपनाए गये और चित्रों में नये प्रयोग भी हुए।