Bharthari-ki-Katha Sung by the Jogi of Eastern Rajasthan
Rajasthani folklore Raja Bharthari-ki-Katha expresses the values of love, sacrifice, advocacy, spirituality and dutifulness in a person.
Rajasthani folklore Raja Bharthari-ki-Katha expresses the values of love, sacrifice, advocacy, spirituality and dutifulness in a person.
सत्तर हिरणियां कहती हैं, ‘‘हे राजा हमारे पति को क्यों मारते हो? उसके बिना हम हिरणियां इस वन में विधवा डोलेंगी। तू हममें से दो चार को मार ले, हमारे भरतार को छोड़ दे।”
विक्रमादीत रानी और नौकर को महल में साथ–साथ देख लेता है। रानी तब नौकर से कहती है कि तुम घबराओ मत, मैं अपने देवर को देश निकाला दिलवाऊंगी।
रात के आधे पहर रेंगटा लाखा कुम्हार को आवाज़ लगाता है कि पैपावती नगरी के राजा को जाकर कहे कि वह अपनी लड़की पानदे बाई का विवाह उससे कर दे।
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