Bharthari-ki-Katha Sung by the Jogi of Eastern Rajasthan Rajasthani folklore Raja Bharthari-ki-Katha expresses the values of love, sacrifice, advocacy, spirituality and dutifulness in a person. Read More »
राजा भरतहरी की कथा: भाग-3 सत्तर हिरणियां कहती हैं, ‘‘हे राजा हमारे पति को क्यों मारते हो? उसके बिना हम हिरणियां इस वन में विधवा डोलेंगी। तू हममें से दो चार को मार ले, हमारे भरतार को छोड़ दे।” Read More »
राजा भरतहरी की कथा: भाग-2 विक्रमादीत रानी और नौकर को महल में साथ–साथ देख लेता है। रानी तब नौकर से कहती है कि तुम घबराओ मत, मैं अपने देवर को देश निकाला दिलवाऊंगी। Read More »
राजा भरतहरी की कथा: भाग-1 रात के आधे पहर रेंगटा लाखा कुम्हार को आवाज़ लगाता है कि पैपावती नगरी के राजा को जाकर कहे कि वह अपनी लड़की पानदे बाई का विवाह उससे कर दे। Read More »