प्रतीकों की लड़ाई का परिणाम हैं गोदना चित्र: शिवन पासवान

आज गोदना कला में अनेक युवा कलाकार बढ़िया चित्र बना रहे हैं, लेकिन उसमें कोमलता का भाव गायब है। वे कमाई करने वाली मशीन बनते जा रहे हैं।

जीवन के यथार्थवादी चित्रण ने दिलायी पहचान: दुलारी देवी

हमलोग धार्मिक कहानियां, धार्मिक आख्यान या पौराणिक कथाओं को जानते ही कहां थे। आज भी उनके बारे में बहुत खास जानकारी नहीं है।

अथक साधना के बाद दीर्घायु होती है कला: पद्मश्री बउवा देवी

“देश में मिथिला कला का कोई म्यूजियम नहीं है, सरकार को चाहिए कि जल्दी से जल्दी मिथिला कला का एक बढ़िया म्यूजियम बनवाये, जैसे बिहार म्यूजियम बना है, उससे भी अच्छा।”